Scarlett Johansson — अपने यहूदी (Jewish) वंश और डायरेक्शन में पहला कदम



यह लेख कहता है कि हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री Scarlett Johansson ने अपने यहूदी वंश (Jewish roots) और जीवन-अनुभव को लेकर एक बेहद व्यक्तिगत फिल्म बनाई है — जिसका नाम है Eleanor the Great। लेख में उन्होंने यह बताया है कि क्यों उन्होंने अब निर्देशक (director) बनने का कदम उठाया, और इस फिल्म के ज़रिए अपने परिवार से जुड़े दर्द-भरे इतिहास को साझा करना चाहते हैं।
यह रही इस कहानी को आसान भाषा में समझने लायक प्रमुख हिस्से — हेडिंग्स के साथ:
1. यहूदी परिचय (Jewish Identity)
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Johansson बताती हैं कि उनकी माँ अशकेनाज़ी यहूदी (Ashkenazi Jewish) थीं और पिता डेनिश (Danish) हैं। (ynetglobal)
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उन्होंने कहा कि उन्होंने त्योहार मनाए — जैसे Yom Kippur, Hanukkah, Passover — यानी यहूदी संस्कृति उनके जीवन का हिस्सा रही है। (ynetglobal)
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वे लिखती हैं कि यहूदी पहचान उनकी “DNA” का हिस्सा है — यानी यह सिर्फ बाहरी बात नहीं, बल्कि अंदर-ही-अंदर महसूस की गई है। (ynetglobal)
2. पहली फिल्म निर्देशकीय शुरुआत (Directorial Debut)
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Scarlett ने लगभग 40 वर्ष की उम्र में निर्देशक बनने का फैसला किया — उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ‘अभिनय’ (acting) को और गहराई से समझना चाहा। (ynetglobal)
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उनकी पहली निर्देशित फिल्म Eleanor the Great है — यह एक भी (94) साल की यहूदी महिला की कहानी है जो Holocaust (होलोकॉस्ट) जीवित बची हैं। (ynetglobal)
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इस फिल्म की प्रीमियर Cannes Film Festival में हुई थी (Un Certain Regard सेक्शन में) और जहाँ थिएटर में लोगों ने खड़े होकर तालियाँ बजाईं। (ynetglobal)
3. फिल्म की कहानी — मुख्य पात्र और भाव
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फिल्म में मुख्य किरदार हैं Eleanor (अदा करती हैं June Squibb) — 94 साल की यहूदी महिला जो फ्लोरिडा से न्यूयॉर्क चलती हैं अपनी बेटी के पास। (ynetglobal)
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एक सपोर्ट ग्रुप (Holocaust survivors की) में जुड़ने के बाद Eleanor, अपनी कहानी साझा करती हैं — लेकिन कहानी में ट्विस्ट आता है: वह अपनी जीवन-साथी (friend) Bessie की Holocaust कहानी को वहीं अपनी जैसी बना लेती हैं। (ynetglobal)
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फिल्म में मुख्य भाव हैं — उदासी, अकेलापन, ग्लानि (guilt), प्रेम (love), अंत में सहानुभूति (empathy)। Scarlett का कहना है कि ये भाव सबसे महत्वपूर्ण हैं। (ynetglobal)
4. यहूदी इतिहास और हॉलोकॉस्ट का महत्व (Holocaust & Heritage)
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Scarlett ने खुलासा किया कि उन्होंने “बहुत रिश्तेदार खोए हैं हॉलोकॉस्ट में” — और उन्होंने कहा कि जब तक यह पहचान/विरासत (heritage) नहीं होती, वे इस कहानी को सच्चाई के साथ नहीं कह सकती थीं। (ynetglobal)
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उन्होंने साथ ही कहा कि आज ऐसे फिल्में बनाना पहले जितना आसान नहीं होगा — क्योंकि हॉलोकॉस्ट के जीवित बचे लोग दिन-दिन कम होते जा रहे हैं, इसलिए “एक तरह का urgency (तत्कालता)” महसूस हुई थी। (ynetglobal)
5. हास्य (Humour) और गंभीरता (Gravity) का संगम
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Johansson ने बताया कि फिल्म सिर्फ दुःख-भरी नहीं बल्कि हास्य से भी भरपूर है — उनका विचार है कि “अगर आप सिर्फ रोएँ, तो यह बहुत भारी हो जाएगा” — इसलिए हास्य महत्वपूर्ण था। (ynetglobal)
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उन्होंने यह भी कहा कि बड़े-बड़े एक्शन फिल्मों में भी अगर इंसानी (human) भाव मौजूद हों — तब वह उन्हें पसंद हैं। (ynetglobal)
6. अभिनय से निर्देशन की ओर (From Actor to Director)
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उन्होंने कहा कि 30 वर्षों से अभिनेता रही-होकर उन्हें अब निर्देशित करना “नए सिखने जैसा” लगा — जैसे साउंड मिक्सिंग (sound mixing), कलर करेक्शन, एडिटिंग (editing) तक उन्होंने सीखा। (ynetglobal)
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उनका मानना है कि एक अभिनेता होने के कारण उन्हें एक्टर्स से संवाद करना आसान रहा — जो कि उन्हें निर्देशकीय रूप से लाभ पहुंचा। (ynetglobal)
7. भविष्य की दिशा (What’s Next)
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Johansson कहती हैं कि अभी वे तय नहीं करती कि यह उनकी पहली और आखिरी निर्देशित फिल्म होगी या नहीं — लेकिन अब वे सोच समझकर चुनना चाहती हैं कि कौन-से प्रोजेक्ट्स उन्हें आकर्षित करते हैं। (ynetglobal)
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साथ ही, उन्होंने कहा कि अब उनके जीवन में समय की अहमियत बढ़ गई है — क्योंकि उनके दो छोटे बच्चे हैं, इसलिए काम-जीवन संतुलन (work-life balance) उनके लिए महत्वपूर्ण है। (ynetglobal)
निष्कर्ष
इस लेख से यह समझ आता है कि Scarlett Johansson ने अपने व्यक्तिगत इतिहास, यहूदी पहचान, हॉलोकॉस्ट के अनुभव और जीवन-अनुभव को एक फिल्म के माध्यम से सामने लाया है — सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक, भावनात्मक और व्यक्तिगत मिशन की तरह। उन्होंने यह दिखाया है कि कैसे हास्य और गंभीर विषय एक-साथ काम कर सकते हैं, और कैसे अभिनेता से निर्देशक बनने का उनका सफर आत्म-खोज (self-discovery) से भरा हुआ है।